उत्तराखण्डी व्हाट्सएप ग्रुप 'रन्त रैबार' ने कायम की एक अनोखी मिशाल।
मुम्बई (हि. डिस्कवर)
5 नवम्बर 2014 से लोक गीतकार, गायक कामेश बहुगुणा व रणबीर सिंह नेगी (सी/ए) द्वारा संचालित व्हाट्सएप ग्रुप ने ग्रुप सदस्य रविन्द्र कुँवर जो कि मूलरूप से मराठी हैं और महाराष्ट्र के नन्दूरबार जिले में सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं कि सुपुत्री की शादी में शामिल होकर एक अनोखी मिशाल कायम की है।

जहां उत्तराखंड में वहां की दूधबोली गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी भाषा बोलने वालों की शिद्दत से कमी हो रही है, वहीं एक मराठी मानुस रविन्द्र कुँवर न केवल धाराप्रवाह गढ़वाली बोलते हैं, बल्कि वहां के रीति-रिवाज और रहन सहन और कृषि के बारे में काफी जानकारी भी रखते हैं। वे करीब दो तीन बार उत्तराखंड भी जा चुके हैं।
यही कारण था कि शादी समारोह में शामिल सभी रैबारियों ने बेटी के विवाह में दी जाने वाली भेंट गागर, परात, थाली लोटा, वस्त्र और दूँण कंडी (अरसों की कंडी) बिटिया को भेंट करके अपनी रीती रिवाज की सुंदर वानगी पेश की।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि ये रैबारी किसी अपने साथी रैबारी के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए हों बल्कि 2014 से ऐसे भाईचारा,अपनापन और किसी के सुख-दु:ख में शामिल होने का ये सिलसिला रन्त रैबार का बदस्तूर जारी है।
तीन साल पहले गाजियाबाद सुरेंद्र बहुगुणा (रैबारी) के सुपुत्र की शादी में भी करीब 10, 12 रैबारी शामिल हुए थे।
देहरादून से नंदकिशोर सेमवाल और डॉ गिरीश पुंडीर के अलावा मुंबई से दिलावर नेगी, मोहन सजवाण, जयसिंह कंडारी, उदय रावत, चंद्रकांत कंडवाल, उत्तराखंड महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती सावित्री नैलवाल, रजनी जोशी, सोनम जुयाल और ग्रुप एडमिन कामेश बहुगुणा व रणबीर नेगी ने नन्दूरबार पहुँच कर वर-वधु को अपना आशिर्वाद दिया।
वहींं दूसरी ओर नन्दूरबार के निवासियों ने इन सभी लोगो की खूब आवभगत और तहेदिल से प्रशंसा की। व रन्त रैबार ग्रुप का धन्यवाद और आभार प्रकट किया।
ये एक बहुत अच्छी पहल की रन्त रैबार ग्रुप ने, जो कि प्रशंसनीय है । आशा है भविष्य मे भी इसी तरह सभी सदस्यों का आपसी सहयोग रहे और रन्त रैबार ग्रुप अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो ।