उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने किया गढ़वाल की बहादुर बेटी का सम्मान।
देहरादून 30 जनवरी 2020 (हि. डिस्कवर)
देहरादून में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा महात्मा गांधी के नमक आंदोलन पर आधारित नाटक के मंचन के पश्चात पौड़ी गढ़वाल के पोखड़ा विकास खंड के देवकुंडाई गांव की बहादुर बेटी राखी जिसे इस वर्ष बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुरुस्कार मिला को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना व प्रदेश सचिव कवींद्र इष्टवाल ने सम्मानित किया। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बालिका को अंगवस्त्र व पुरस्कार दिए गए।

राखी को सम्मान समारोह में कविंद्र इष्टवाल अपने साथ लेकर आए इस दौरान राखी के साथ उसके माता-पिता, छोटा भाई और बुआ भी थी।
ज्ञातव्य है कि बहादुर बिटिया राखी अपने चार साल के भाई को गुलदार के हमले में बचाने में तो कामयाब हो गई थी परंतु खुद जख्मी हो गई। जिसे कोटद्वार सरकारी अस्पताल में ईलाज के लिए दो दिनों तक इंतजार करना पड़ा। अंततः समाजसेवी और कांग्रेस प्रदेश सचिव कविन्द्र इष्टवाल ने राखी की आवाज को मीडिया, सोशल मीडिया और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पुरजोर तरीके से उठाया जिसके बाद कहीं जाकर उसे अच्छे ईलाज के लिए हायर सेंटर रैफर किया गया। उसके बाद क्या हुआ सब जानते हैं।
परंतु सवाल यह है कि जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक के कारण क्या हर जगह राखी और कविन्द्र इष्टवाल खड़े मिलेंगे जिससे कोई विकट परिस्थिति होने पर तुरंत इलाज मिल सके? नहीं यह संभव नहीं है! इसके लिए हमें, आपको, बल्कि हम सबको मिलकर एकजुटता दिखाने की जरूरत है।
खाली पड़े पहाड़ों में जो लोग बचे हुए हैं उनकी सुध लेना हमारे लिए एक चुनौती है। क्योंकि सरकारों का ध्यान उस तरफ नहीं है बल्कि उनका ध्यान मैदानी इलाकों तक सिमट कर रह गया है। जो लोग वहां से चुनाव जीतकर आते हैं उनके लिए पहाड़ कोई मायने नहीं रखता है वर्ना वो पहाड़ों की आवाज को जरूर उठाते!
आज परिस्थितियां ऐसी बन गई हैं कि इंसान से ज्यादा कीमत जंगली जानवरों की हो गई है। तभी तो सरकार भी इस दिशा में मौन धारण करे बैठे है।