उडडयन विभाग लगा रहा है मुख्यमंत्री की छवि पर दाग..! जनता बोली कैसे फूटे भाग..!
देहरादून 26 मई (हि. डिस्कवर)
आये दिन उत्तराखंड सरकार का जनता से घटता संवाद यह तो नहीं कहा जा सकता कि मुख्यमंत्री के चौथे पांचवें तल पर विराजमान अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है लेकिन इतना जरुर हो रहा है कि जनता के बीच मुखिया और उसकी सरकार का सन्देश बेहद बुरा जा रहा है. उड़डयन मंत्रालय की कमान देख रहे मुखिया पर जनता सीधा सीधा आरोप लगाती नजर आ रही है कि संस्कृति व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के साथ उड़डयन मंत्रालय जानबूझकर यह सब कर रहा है. जनता के मुंह से मीडिया तक यह बात आ जाने के बाद मीडिया द्वारा सतपाल महाराज से यह पूछा जाना लाजिमी था कि क्या आपके व मुख्यमंत्री के बीच कुछ तनातनी है? जिस पर सतपाल महाराज ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए भले ही यह जवाब दिया ह्जो कि मीडिया के पास ऐसी बातें आती कहाँ से हैं! उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बेहतर काम कर रही है व मुख्यमंत्री से उनके सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं.
अगर ऐसा सब है तब उड़डयन विभाग के हैलीकाप्टर क्यों उत्तराखंड की जनता का मनोबल तोड़ते नजर आ रहे है व क्यों वाण गाँव व द्रोणागिरी ट्रेक ऑफ़ द इयर 2017 में महाराज को हैलीकाप्टर में बिठाकर सम्बन्धित जगह ले तो गए लेकिन हवा- हवा में ही वापस लौट गए. बहाना एक जगह मौसम खराब होने का बना जबकि दूसरी जगह ऑक्सीजन कम होने का! यह तो आज का बेवकूफ से बेवकूफ व्यक्ति भी जानता है कि जब आपदा के दौर में हैलीकाप्टर लगातार मौसम खराबी के बाद भी श्रधालुओं को उतारते रहे. आज भी लागातार केदार नाथ धाम में हैली सेवा जारी है फिर वाण गाँव या द्रोणागिरी में क्या हो गया जहाँ हैलीकाप्टर उतर नहीं सका.
प्रथम दृष्टा रेकी करने द्रोणागिरी पहुंचा हैलीकाप्टर द्रोणागिरी गाँव के कार्यक्रम स्थल से मीलों ऊपर उड़कर निकल गया फिर उसने कैसे तय कर लिया कि वहां ऑक्सीजन कम है या मौसम माकूल नहीं है, और पर्यटन मंत्री को जोशीमठ ही छोड़ कैसे वापस देहरादून लौट आया? ये सब सवाल जनता उड़डयन विभाग से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री से कर रही है. मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्हं लगा जनता पूछती फिर रही है कि क्या ऐसा ही ईमानदार होता है मुख्यमंत्री? जिसे अपनी जनता की चिंता नहीं बल्कि कुर्सी की चिंता ज्यादा सता रही है.
द्रोणागिरी गाँव में एकत्र हुए पर्यटक ट्रेकर्स से लेकर नीति-माणा घाटी के लोगों में इस बात का जबर्दस्त आक्रोश था कि आखिर सतपाल महाराज के साथ यह व्यवहार जानबूझकर उड़डयन मंत्रालय कर रहा है या उडडयन सचिव? यह तो हो नहीं सकता कि बिना मुख्यमंत्री के इशारे से यह सब हो रहा हो. इन प्रकरणों को अपने से जोड़ते हुए चमोली जिले की जनता कहती सुनाई दे रही है कि इस से उडडयन विभाग की छवि पर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की छवि पर दाग लग रहा है. और तो और यहाँ के लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय जनता प्रधानमन्त्री को पत्र लिखकर पूछेगी कि क्या डबल इंजन सरकार ऐसे ही चलती है जहाँ राजनीति तो हो लेकिन जनता के भाग फूटें हों.