इस तरह पड़ा लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को हार्ट अटैक….! इस दौरान डॉ. जयंत नवानी लगातार उन पर नजर रखे रहे..!

इस तरह पड़ा लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को हार्ट अटैक….! इस दौरान डॉ. जयंत नवानी लगातार उन पर नजर रखे रहे..!
(मनोज इष्टवाल)
* बलूनी स्कूल के विपिन बलूनी की सलाह पर ले जाया गया मैक्स हॉस्पिटल..! 
* काबीना मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, मुख्य सचिव रमास्वामी, गंगोत्री धाम के रावल इत्यादि भी कुशल क्षेम पूछने गए!
वो 26 जून ही था जब इसकी शुरुआत हुई! शायद लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा ही लापरवाह रहे और अक्सर उन्होंने छोटी मोटी स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों को घर परिवार पर कभी जाहिर नहीं होने दिया. वो तो अच्छा हुआ कि उनकी श्रीमती उषा नेगी की जिद पर उन्हें किसी तरह अस्पताल लाया गया वरना सचमुच कुछ भी हो सकता था.
जन नायक नरेंद्र सिंह नेगी के बारे में मौल्यार ग्रुप के सोहन चौहान बताते हैं कि बीरोंखाल के रसिया महादेव के नऊगाँव में जब वे अपनी अंतिम प्रस्तुती “सुरमा सरेला” दे रहे थे तब उन्हें जबड़े पर दर्द की शिकायत हुई! यूँ तो कमर दर्द के बारे में वे पहले से ही कह रहे थे. और जब असहनीय होने लगा तब 2 बजे कार्यक्रम छूटने के बाद सब उनके लिए चिंतित होने लगे इस दौरान हम उनके हाथ पाँव भी सहलाने लगे. आखिर गाँव से एक डाकटर को बुलाया गया और उसने उन्हें एसिडिटी की दो गोलियां दी डाक्टर ने बताया कि उनका बीपी बढ़ गया है. उसके बाद उन्हें उलटी हुई तब थोड़ा आराम महसूस होने के बाद हम 5 बजे के आस पास कार्यक्रम स्थल से देहरादून के लिए रवाना हुए.
सोहन चौहान बताते हैं कि मुश्किल से 250 मीटर पैदल सड़क तक उतरने में फिर से नेगी जी को परेशानी हुई तो उन्हें टीम मेनेजर विक्रम सिंह रावत व अन्य पकड़-पकड़कर नीचे सड़क तक लाये. अब तक गणेश खुगशाल गणी हल्दुखाल में किसी हरशु नामक ब्यक्ति से बात कर चुके थे कि वे जब तक वहां आकर नाश्ता करते हैं तब तक किसी डाक्टर की ब्यवस्था करो!
बारिश ने वहां भी हमारा पीछा नहीं छोड़ा. हल्दुखाल पहुंचकर डाक्टर मैठाणी ने पहले उनका नीचे ही चेकअप किया फिर उपर अपने क्लिनिक ले गए. शायद उन्हें पता लग गया था कि यह हार्ट अटैक के लक्षण हैं. उन्होंने नेगी जी को कहा कि जब तक मैं नहीं चाहूँगा आप यहाँ से जायेंगे नहीं क्योंकि मैं आपका बहुत बड़ा फेन हूँ और ऐसी हालत में मैं रिस्क नहीं ले सकता. लगभग डेढ़ घंटे तक जांच गोली खाने के बाद रास्ते के लिए भी डाक्टर मैठाणी ने दवाइयां दी तब हम लोग हल्दुखाल से निकले.
कोटद्वार पहुंचकर सबने लंच किया लेकिन नेगी जी का स्वास्थ्य अभी भी ठीक नहीं चल था उन्होने खाना नहीं खाया तो मैं उनके लिए एक लस्सी ले आया जिसे दो घूँट पीने के बाद उन्होंने मेम (श्रीमती उषा नेगी) को वापस लौटा दिया.
सोहन चौहान बताते हैं कि जैसे तैसे हम देहरादून पहुंचे. मेम ने कई बार नेगी जी को बोला भी कि आपको डाक्टर के पास ले चलते हैं लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कहा मैं घर जाकर नहाना चाहूँगा.
अगले दिन सुबह लगभग 10:30 बजे मेम का फोन आता है कि सोहन कोई गाडी देखो मुझे नहीं लगता कि नेगी जी का स्वास्थ्य ठीक है, वैसे वो जाने को मना कर रहे हैं लेकिन मैंने डॉ. जयंत नवानी जी से बात कर ली है. तुम कोई गाडी देखो. मैंने कहा- मेम अगर ज्यादा खराब है तो 108 बुला लेते हैं.
फिर दुबारा मेम का फोन आया कि अब गाडी मत करना हमारे पडोसी भंडारी जी की गाडी से हम डॉ. नवानी के हॉस्पिटल आ गए हैं. डॉ. नवानी ने चेकअप करने के बाद उन्हें सीएमआई भर्ती कर दिया.
                         (sohan chauhan )
सोहन ने बताया कि जब मैंने ढाई बजे के आस पास मेम को फोन कर कुशल क्षेम पूछी तब पता चला कि सर (नेगी जी ) को सीएमआई में भर्ती कर दिया गया है और मेम के साथ वहां कोई नहीं है. मैं बिना खाने खाए ही दौड़ पड़ा. वहां पहुंचकर देखा कि कीर्ति नवानी पहुँच गए हैं तत्पश्चात विपिन बलूनी व प्रीतम भरतवाण भी पहुँच गए थे. डॉ. जयंत नवानी की देख रेख में सीएमआई में सर का परीक्षण चल रहा था.
शाम को हमारे सामने अन्जियोग्राफी हुई तो पता चला कि 100 प्रतिशत ब्लाकेज हैं. बैलून विधि से भी ब्लाकेज फुलाने की कोशिश की गयी लेकिन नाकामयाबी मिली. फिर डॉ. ने कहा कि दवा से ब्लाकेज कम हो जायेंगे तब ही आगे का ट्रीटमेंट होगा.
हम बाहर इस बिषय में चर्चा कर ही रहे थे कि डाक्टर ने हमें बुलाया और बताया कि सर को दूसरा हार्ट अटैक पड़ गया. हम घबराकर अंदर गए तो देखा सर के मुंह पर मास्क लगा था व वो जोर जोर से हांफ रहे थे. मेम ने जब सर की स्थिति देखि तो वो भी बेहोश हो गयी. और उन्हें भी ट्रीटमेंट दिया जाने लगा . इधर डाक्टर्स ने कह दिया कि उनके परिवार वालों को बुला लीजिये.
सोहन चौहान बोले- मैं बहुत घबरा गया था आखिर किसे बुलाता – कविलाश भाई टूर पर थे व अंजली भाबी प्रिगनेंट हैं. सचमुच बेहद बिषम स्थिति थी. मैंने आखिर बाहर आकर प्रीतम भरतवाण व विपिन बलूनी जी से चर्चा की. बलूनी जी ने फ़ौरन अपने भाई मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार को फोन किया और सलाह दी कि यहाँ से फ़ौरन सर को मैक्स अस्पताल ले जाते हैं. इसके कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत व प्रेस के लोग भी पहुँच गए थे उसके बाद जो हुआ सभी जानते हैं.
सोहन चौहान की आंखों में आंसू तैरते देखे जा रहे थे उसने अपना मोबाइल खोला और दिखाया कि किस तरह ईटीवी पर उनके देहांत की खबर चल रही है. उसने कई अन्य स्नेप शॉट भी दिखाए कि आखिर ये लोग यह सब क्यों झूठी अफवाह फैला रहे हैं ? मैंने सोहन को शांत करते हुए कहा ईटीवी अपना स्पष्टीकरण दे चुकी है कि उन्होंने ऐसी कोई खबर नहीं चलाई बल्कि कोई उनके लोगो का गलत इस्तेमाल कर इसे सोशल साईट पर अपलोड कर रहा है.
अभी बात चल ही रही थी कि वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र जोशी ने भी हाल पूछा तब मैंने उन्हें कहा कि चिंता की बात नहीं है. वे बहुत भडक रहे थे कि आखिर ये हैं कौन जो इस तरह की खबरें फैला रहे हैं. फिर न्यूज़ नेशन से मनु भट्ट व जी टीवी से संदीप गुसाईं इत्यादि ने भी हाल जाना !
बहरहाल जन नायक के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार है और लोग अभी भी प्रार्थना कर रहे हैं. बदरीनाथ केदारनाथ धाम से लेकर हर मंदिर में इस लोकगायक के निरोग के लिए पूजा पाठ जारी है.
आज प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज, काबीना मंत्री मदन कौशिक, विकास नगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा नेत्री मधु चौहान, मुख्य सचिव रमास्वामी,गंगोत्री मंदिर के रावल सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी व सुशीला बलूनी का मैक्स हॉस्पिटल पहुँच हाल चाल पुछा!

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