आर्यावर्त का एक छोटा सा हिस्सा रह गया भारत। बाकी का सदियों से होता आया है इस्लामीकरण..!

(मनोज इष्टवाल)
यकीनन आज अगर भारत बर्ष में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, शिव सेना सहित दुर्गावाहिनी व अन्य हिन्दू संगठन धर्म अजुत धार्मिक कट्टरता के साथ खड़े नहीं होते तो क्या हम अपने इस हिन्दू लोकतांत्रिक राष्ट्र में शुकुन से जी पाते। ब्रिटिश ने भले ही सदियों यहां शासन किया लेकिन वे हिंदुओं का शोषण दोहन करने में काफी हद तक नाकाम रहे।  यदि किसी ने सचमुच हिंदुओं का दोहन किया तो वह है इस्लाम।

अब आप पूछेंगे कि वह भला कैसे? आपने जब से जहम लिया तो सिर्फ कश्मीर को अशांत सुना बाकी भारत तो अमन चैन से जिया है इसलिए आपको बता दें कि इस कुचक्र का चक्र सन1378 से शुरू हुआ।
इस्लामिक क्रूरता और अधिकता के कारण सन 1378 में भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक मुल्क बना नाम हुआ ईरान। 1761 में भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक मुल्क बना नाम हुआ अफगानिस्तान । 1947 में भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक मुल्क बना नाम हुआ पाकिस्तान। 1971 में एक नया इस्लामिक मुल्क बना जो कभी भारत का हिस्सा था नाम हुआ बांग्लादेश। 1952 से 90 के बीच भारत का एक राज्य इस्लामिक हो गया, नाम है कश्मीर । और अब उत्तर प्रदेश, असम और केरल इस्लामिक राज्य बनने की कगार पर हैं ।
ये आंकड़े ही काफी हैं कि किस हद तक बौद्ध के देश या उस से पूर्व के आर्यवर्त के हर युग में टुकड़े हुए हैं और हर युग में इस्लाम अपने पांव फैलाता रहा। आज जितने भी राजनीतिक संगठन हिन्दू धर्म के कुछ संगठनों को असहिष्णु मानते हुए राजनीति कर रहे हैं क्या वे इन आंकड़ों को झुठला सकते हैं।

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