आठ मंजिला पार्किंग बना रच डाला इतिहास…!

आठ मंजिला पार्किंग बना रच डाला इतिहास…!

(मनोज इष्टवाल)

  • ऐसी पार्किंग सिर्फ मलेशिया में,..!
  • हिमालयी राज्यों में कहीं भी नहीं है पार्किंग का ऐसा बेजोड़ नमूना..!
  • अल्मोड़ा के 151 साल के नगर पालिका के इतिहास में पहली महिला नगर पालिका अध्यक्ष रही शोभा जोशी!

  • गोद में 8 माह का बेटा, पति का देहवसान हुए अभी महीना भी नहीं गुजरा. सरकारी नौकरी घर बैठे मिल रही थी.लेकिन नियति की मंजूरी के सारे प्रयासों को धत्ता देते हुए जब एक महिला ने मुट्ठियाँ भींची तो सब अचरज में रह गए. राजनीति के क्षेत्र में दखल रखने वाले धूर्र राजनीतिज्ञों की चूल्हें तन हिल गई जब यह महिला न सिर्फ निर्दलीय चुनाव लड़ी बल्कि कांग्रेस प्रत्याक्षी की जमानत जब्त कर भाजपा प्रत्याक्षी को करारी हार देती हुई अल्मोड़ा जैसे शहर की उस गद्दी पर आसीन हो गई जिसके लिए जाने बर्षों से कितने धुरंधर सपने सजाये हुए थे.
  • नगर पालिका अध्यक्ष अल्मोड़ा विजय जोशी की लोकप्रियता का सगल इसी बात से पता चलता है कि जब उनकी मात्र 37 साल की उम्र में आकस्मिक मृत्यु हुई तब श्मशान घाट पर लगभग 35 हजार लोग और प्रदेश भर के राजनैतिक व प्रशासनिक व्यक्तित्वों जमावड़ा लगा हुआ था.
    तब अपने छोटे पुत्र …जो मात्र 11 माह का था लेकर शोभा जोशी ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपने दिवंगत पति के स्थान पर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा 28 जुलाई 2007 को हुए नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में मतदाता सूची में कुल मतदाता 19398 थे जिनमें मात्र 7195 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया जिसमें से 63 वोट अवैध घोषित हुए. भाजपा उम्मीदवार अजित कार्की को 2834 वोट मिले जबकि श्रीमती शोभा जोशी को 4298 वोट मिले और वह मात्र 6 माह के कार्यकाल के लिए अल्मोड़ा नगर पालिका के 143 बर्षों के इतिहास में पहली महिला नगर पालिका अध्यक्ष चुनी गई.

  • शोभा जोशी ने आते ही अपने पति विजय जोशी के ड्रीम प्रोजेक्ट कार पार्किंग को पूरा करने की थान ली. तब तक यह पार्किंग मात्र दो मंजिल तक ही पहुंची थी. संसधानो व आर्थिकता की तंगी के चलते हुए भी शोभा जोशी ने इस कार्य को जैसे तैसे पुन: शुरू करवाया.इसी दौरान उन्होंने शहर की ट्रेफिक व्यवस्था की परेशानी को देखते हुए छोटी-छोटी पार्किंग बनवाकर घंटों लगने वाले जाम की समस्या से निजात दिलाना शुरू कर दिया. राजनीतिक विरोधी सक्रिय हुए और उनके कार्यों में नुक्ताचीनी निकालनी शुरू कर दी जब इससे कुछ नहीं हुआ तो जिलाधिकारी कार्यलय के आगे धरने पर बैठ गए. शोभा जोशी ने स्वयं तत्कालीन जिलाधिकारी निधिमणि त्रिपाठी से अनुरोध किया कि उनके कार्य की जिस मर्जी एजेंसी से जांच करवा लें. 6 माह संघर्ष के कब बीत गए पता भी नहीं चला. कांग्रेस उन्हें अगले चुनाव की तैयारी करवाती रही और वह विश्वास से लगातार सदस्यता अभियान छेडती रही. लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस द्वारा टिकट किसी अन्य महिला को दिए जाने से शोभा जोशी का मनोबल टूट सा गया लेकिन उन्होंने हिम्मत न हारी और निर्दलीय चुनाव लड़कर न बल्कि जीती उन्होंने कांग्रेस की जमानत जब्त करवा दी व भाजपा प्रत्याक्षी को भी बुरी हार झेलनी पड़ी. यह भी अजब संयोग की बात है कि अल्मोड़ा के 143 बर्षों के इतिहास में यह पहला अवसर था जब नगर पालिका की पहली महिला अध्यक्ष, जिले की पहली आई ए एस जिलाधिकारी भी महिला व जिले की आई.पी.एस अधिकारी भी महिला. यानी आध्यक्ष शोभा जोशी, जिलाधिकारी निधिमणि त्रिपाठी व सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस रिद्धिम अगरवाल तीनों ही महिलाएं.

  • पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी बताती हैं कि उनके पति स्व. विजय जोशी ने अल्मोड़ा की जाम की स्थिति से कैसे निबटा जाय इसके लिए एक कार्य योजना बनाई..सन 2005 में हुडको से 2.10 करोड़ लोन लेकर उन्होंने तकनीकी दृष्टि से एक ऐसी पार्किंग की परिकल्पना की जिसमें हर समय 4 से 5 हजार छोटे बड़े वाहन पार्क किये जा सकें लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था दो साल बाद उनकी आकस्मिक मृत्यु के पश्चात जब मैं नगर पालिका अध्यक्ष बनी तब मैंने इस कार्य को किसी भी सूरत में पूरा करने की ठान ली. संसाधन न होने के कारण मैंने बैंक में अपने जेवर गिरवी रख कार्य प्रारम्भ करवाया. कई मुसीबतों का सामना करते हुए मैं एक ऐसे इंसान का सपना पूरा करने के लिए कटिबद्ध खड़ी रही जिसके लिए यह पूरा शहर अपना घर था. अपने पति के सपने को मैं हर हाल में पूरा करना चाहती थी.
    शोभा जोशी का कहना था कि उनके पति की मृत्यु के बाद भले ही उन्होंने कार्यभार ग्रहण करते ही पार्किंग का कार्य शुरू कर दिया था लेकिन नगर पालिका अल्मोड़ा हुडको का कर्ज नहीं चुका पाई. चूँकि इसमें गारंटर सरकार थी इसलिए सरकार को नोटिस जाने शुरू हो गए. वर्तमान सरकार ने अब जाकर सन 2014 में हुडको का लोन चुकाया है.
    शोभा जोशी बताती है कि सन 2008 तक जैसे जैसे यह भवन निर्माण आगे बढ़ता रहा मेरे कार्यकाल में उन क्षत्रपों को मुसीबत होने लगी कि जाने कितना आया कितना गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री मे.जनरल (से.नि.) भुवन चंद खंडूरी ने जब यह कार्य देखा तो तत्काल मुख्यमंत्री घोषणा के 2.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए. इस से मेरे लिए व कार्य कर रही कंस्ट्रक्शन कम्पनी किरी कंस्ट्रक्शन को और मुसीबतें उठानी पड़ी, पार्किंग निर्माण में घटिया सामग्री लगाए जाने को लेकर तरह तरह की बयानबाजी अख़बारों की सुर्खियाँ बनने लगी. यहाँ तक की कुछ लोग जिलाधिकारी कार्यलय में धरने पर जा बैठे. मैंने स्वयं जाकर तत्कालीन जिलाधिकारी को कहा कि आप जिस मर्जी संस्था से इसके निर्माण कार्य की जांच करा सकते हैं. जब अति ही हो गई तो मैंने स्वयं सरकार से इस पर सीबी सीआईडी जांच बैठाने की मांग कर डाली.

  • शोभा जोशी ने जिस दबंगता के साथ कार्य करवाए उसने हर राजनीतिज्ञ पार्टी के कर्णधारों को सकते में ला दिया जिस शहर से पंडित गोबिंद बल्लभ पन्त, नारायणदत्त तिवारी वर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजनीति की हो व कई बार पराजय झेली हो उस शहर से लगातार दो बार एक महिला का नगर पालिका अध्यक्ष चुना जाना अपने आप में विस्मय पैदा करने जैसी बात हुई. शोभा जोशी पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने नगर पालिका के दो बार लगातार चुनाव जीते हैं.
    अल्मोड़ा की नगर पालिका पार्किंग अपने आप में एक बेहतर तकनीक का जीता जागता उदाहरण है.पूरी तरह से वेंटीलेटेड इस पार्किंग की आखिर 8वीं मंजिल सड़क पर आकर मिलती है. 8.01 करोड़ की लागत से निर्मित इस अद्भुत पार्किंग की टेकनालोजी मलेशिया की है. इसमें 43 दुकानें हैं जिनमें से 23 दुकानें किराए व बिक्री उसी समय हो गई थी जब श्रीमती शोभा जोशी नगर पालिका अध्यक्ष थी. व जिससे लगभग 80 लाख रुपये का राजस्व अर्जित हुआ. वर्तमान में पार्किंग की निविदा लगभग 18 लाख में हुई जिसका सीधा सीधा फायदा नगर पालिका को पहुंचा है. लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि उनके पद से उतरते ही बाकी की 20 दुकाने ज्यों की त्यों खाली पड़ी हैं. नगर पालिका उन्हें क्यों नहीं बेच पायी यह यक्ष प्रश्न है.
    शोभा जोशी ने अपने कार्यकाल में यूँ तो छोटे बड़े बहुत कार्य करवाए लेकिन उनकी उपलब्धियों में चिल्ड्रेन पार्क व प्लास्टिक रिसाइकल प्लांट दोनों ही ज्यादा महत्वपूर्ण कार्य हुए. चिल्ड्रेन पार्क को नगर पालिका द्वारा उनके पति व पूर्व पालिकाध्यक्ष स्व. विजय जोशी चिल्ड्रेन पार्क का नाम दिया गया जबकि कूड़ा निस्तारण या प्लास्टिक रिसाइकल प्लांट में लगी 9 लाख की मशीन सिर्फ इसलिए जंक खा रही है क्योंकि उसमें वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा एक बिजली का कनेक्शन नहीं लिया गया. इस प्लांट में हर कमरों में सुअर लेटे रहते हैं लेकिन उसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.
    शोभा जोशी का कहना है कि अभी भी इस पार्किंग का ढंग से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है क्योंकि जमीनी तल तक गाडी पार्किंग के लिए कोई नहीं जाता क्योंकि वहां से आठवें तल तक पैदल चलना पड़ता है. वर्तमान में नगर पालिका को चाहिए कि वे लिफ्ट, फायर, व विद्युत व्यवस्था कर इस पार्किंग का पूरा पूरा फायदा उठाये ताकि जनता की परेशानियां कम हो. जिले में सन 2010 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा में दल बल सहित दूरस्थ गॉव की पैदल यात्रा कर उन्हें राहत पहुंचाने का कार्य रहा हो या फिर शासन-प्रशासन से उन्हें हर सुविधा मुहैय्या कराने के लिए दिया गया जो, शोभा जोशी हर कार्य को पूरी निष्ठा से निभाती रही. यही नहीं अपनी संस्था राष्ट्रीय जन चेतना समिति के माध्यम से कार्य निष्ठा और समाज सेवा की भावना का परिचय देते हुए शोभा जोशी ने जिले में एक स्वर्ग वाहन उतारा.जिसका कार्य मृतआत्माओं को शमशान तक अंतिम यात्रा कराना है.
    राष्ट्रीय जन सेवा समिति अल्मोड़ा की अध्यक्ष शोभा जोशी ने स्वर्ग वाहन के बारे में फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि मृत आत्माओं को घाट तक ले जाने या कब्रिस्तान तक ले जाने के लिए अल्मोड़ा में कोई वाहन नहीं था अत: उनकी संस्था ने अथक प्रयास कर चंदा जुटाया कर्जा लिया और 6 लाख जोड़े, 6 लाख प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने विवेकाधीन कोष से सहायता दी. इस तरह एक स्वर्ग वाहन खरीदा गया जो 25 सीटर था. जिसकी सभी सीटें उखाड़कर एल सेफ की सीटें बनाई गई जिसमें 25 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ मृत आत्मा को स्वर्ग (घाट) तक ले जाने की समुचित व्यवस्था है. ठीक वैसे ही इस वाहन को डिजाईन किया गया है जैसे 108 अमर्जेंसी सेवा वाहन है.
    श्रावण मॉस के पहले सोमवार को चितई मंदिर में पूजा अर्चना के बाद यह वाहन पूर्व पालिका अध्यक्ष विजय जोशी को समर्पित किया गया है. यह स्वर्ग वाहन मूलत: उन गरीब परिवारों की सेवा के लिए है जिनके पास धन और संसाधनों की कमी है. ऐसी स्थिति में उन्हें यह निशुल्क दिया जाएगा जबकि अन्य जो सक्षम हैं उनसे उनकी इच्छानुसार रुपये एक हजार चंदा लिया जाएगा बशर्ते वे देना चाहें.
    शोभा जोशी ने उत्तराखंड की ऐसी पहली महिला होने का गौरव भी प्राप्त किया जो 15 अगस्त सन 2011 कौन बनेगा करोड़पति में सुपरस्टार फिल्म अभिनेता अभिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठी. उनके सामजिक कार्यों के लिए उन्हें देश व विदेश से अनेकों पुरस्कारों से नवाजा गया जिनमें मुख्यत श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट सम्मान,राम मूर्ती ट्रस्ट सम्मान सहित छोटे बड़े दर्जनों सम्मान शामिल हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें डब्यू सी एस ए द्वारा 16 मार्च 2015 को सोशल रिस्पोंसिबिल्टी अवार्ड व विगत 9 अगस्त को ग्रेट इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया.

One thought on “आठ मंजिला पार्किंग बना रच डाला इतिहास…!

  • June 12, 2017 at 2:01 am
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    Bahut bahut badhai……. Iron laday

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