अमित शाह से मंत्री सांसदों का सीधा संवाद! गर्माया शराब और स्वच्छता का मुद्दा..!

देहरादून 19 सितम्बर(हि.डिस्कवर)
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रिपोर्ट कार्ड लेने देहरादून क्या पहुंचे कि एक सप्ताह पहले से रुकी पार्टी विधायकों मंत्रियों व सन्गठन की साँसे अब जाकर स्थिर हुई. ये कम भय था कि पत्रकार भी संगठन ने चुनकर बुलाये ताकि कोई ऐसा न हो जो पार्टी के कार्यों की समीक्षा कर छिछालेडारी शुरू कर दे. पार्टी संगठन का यूँ पत्रकारों को धड़ों में बांटना भाजपा के लिए अब 19 के चुनाव में कितना सार्थक होगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन संगठन को इसका कतई आभास नहीं था कि शिकायतों के पुलिंदे पार्टी के आम कार्यकर्त्ता से लेकर मंत्री स्तर तक सब अमित शाह के समक्ष रखेंगे.

अमित शाह के कार्यक्रम लगते ही जहाँ जहाँ से उनका काफिला गुजरना था वे समस्त सड़कें रातों-रात चाक-चौबंद कर दी गयी. चलो इस से इतना तो हुआ कि नगरवासी बेवजह जाम व अक्सिडेंट से निजात पायेंगे वहीँ पार्टी कार्यकर्ता, पदाधिकारियों, विधायकों, मंत्रियों एवं सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष के सामने अपनी अपनी बात रखते हुए शराब सम्बन्धी मुद्दा सबसे पहले रखा!

मेयर व धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने प्रदेश में हुए शराब आन्दोलनों पर सरकार द्वारा दर्ज किये जा रहे मुकदमों का जिरह करते हुए इस ओर इशारा किया कि आने वाले समय में यह भाजपा के लिए दुखदाई हो सकता है.चमोली ने कहा कि पहाड़ की महिलाओं पर शराब का विरोध करने के एवज में सरकार मुकदमें करवा रही है जो कि सरकार की छवि को खराब कर रहा है । अमित शाह की टीम ने सभी कार्यकर्ताओं के सुझाव और शिकायतों को लिखित तौर पर अपने बैठक के एजेंडे में शामिल कर दिया है। कुल मिलकर 65 कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग सुझावों को अमित शाह के सामने रखा।

वहीँ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज स्वच्छ भारत मिशन के मुद्दे को रखते हुए हरिद्वार में हुए प्रकरण को समक्ष रखना नहीं भूले. उन्होंने हरिद्वार मेयर मनोज द्वारा किये गए व्यवहार पर पार्टी अध्यक्ष का ध्यान खींचते हुए तल्खी के साथ कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की यह कैसी तस्वीर हम पेश करना चाहते हैं.
अमित शाह ही नहीं बल्कि पार्टी व संगठन के लिए कल का दिन बेहद अहम होगा क्योंकि कल 21 बैठकें होनी हैं जिनमें कई मुद्दे और गरमाने की उम्मीद है. वहीँ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सभी मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी देखेंगे व उसका बाद आने वाले लोकसभा चुनाव की रूपरेखा तैयार होगी. सूत्रों का कहना है कि आरएसएस द्वारा समिट की गयी रिपोर्ट में देश भर में मोदी सरकार के ग्राफ गिरने की बात आई है. ऐसे में सिर्फ प्रेशर उत्तराखंड की भाजपा कार्यकारिणी संगठन और मंत्रियों विधायकों व मुख्यमंत्री पर ही नहीं होगा बल्कि पार्टी अध्यक्ष के लिए भी यह परीक्षा की घड़ी है क्योंकि भाजपा संगठन अभी भी कांग्रेस से भाजपा में आये विधायकों कार्यकर्ताओं व मंत्रियों को नहीं पचा पा रहा है इस कारण पार्टी के भीतर ध्वंध की स्थिति नजर आती दिख रही है.
अब देखना यह है कि अमित शाह इस सबसे कैसे सामंजस्य बिठा पाते हैं. बहरहाल अमित शाह के साथ राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, सह महामंत्री संगठन शिब प्रकाश, विभाग व प्रकल्प समन्यवक अरविन्द मेनन, आईटी सेल संयोजक अमित मालवीय, राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी इत्यादि आये जबकि प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू पहले भी यहाँ पहुँच चुके थे. 

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