अब प्रदेश सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा! मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश!
अब प्रदेश सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा! मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश!
(मनोज इष्टवाल)
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने “सिन्थेटिक ड्रग की रोकथाम के साथ ही सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेशों एवं अफवाहों के प्रसारण पर नजर रखने को कहा है।” यहाँ बात कुछ जमी नहीं क्योंकि सिंथेटिक ड्रग्स का सोशल मीडिया पर कौन से आपत्तिजनक संदेश व अपवाह का प्रसारण किया जा रहा है? मुझे लगता है यह सीधे – सीधे नहीं बल्कि अपरोक्ष तरीके से सोशल मीडिया में हो रही उस किरिकिरी पर नजर रखने का संदेश है जो कुछ दिनों से एकाएक बढ़ गयी है!
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने महिलाओं पर की जाने वाली अभद्र टिप्पणी पर भी तुरंत कारवाही करने के निर्देश दिए हैं! यह सब भले ही प्लास्टिक कूड़ा, ड्रग्स से जुडी खबरों के बीच परोसी गयी खबर थी जिसमें हर जिले के जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे सोशल मीडिया पर भी विभिन्न माध्यमों से नजर रखें!

यहाँ लगता नहीं है कि प्रदेश की आईटी सेल ने अभी तक कोई ऐसा चमत्कार कर दिखाया हो जिस से प्रभावित होकर कुछ किया जा सके! दूसरा यह कि साइबर क्राइम के अंतर्गत आने वाले पहलु को बिना परोसे यह कैसे ज्ञान हो जाएगा कि कौन से सन्देश आपत्तिजनक हैं! क्या ऐसा तो नहीं कि हम नागरिक की नागरिकता की निजता के अधिकार को भी सरकारी तंत्र के माध्यम से दबाने की कोशिश करें!
ज्ञात हो कि भाजपा ने केंद्र में आने से पूर्व सबसे बड़े अस्त्र के रूप में सोशल साईट फेसबुक के माध्यम से विभिन्न संदेशों के आदान प्रदान के बाद ही सत्ता हासिल की थी आज जब भाजपा सत्ता में है तब ये नियम अलग कैसे हो सकते हैं! हाँ यह जरुर होना चाहिए कि सोशल मीडिया में किसी की निजता पर प्रहार, व्यक्तिगत छवि धूमिल करने के प्रयास सहित महिलाओं पर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष आरोप लगाकर उन्हें आपत्तिजनक शब्दों के माध्यम से संबोधित करने जैसे विभिन्न कारकों पर कठोरता से कार्यवाही हो! मुझे लगता है कि सोशल मीडिया पर क्या-क्या डालना, लिखना, वीडियो वायरल करना इत्यादि गलत है उसे राज्य सरकार को एक विज्ञापन या खबर के माध्यम से पहले न्यूज़ चैनल्स, अखबार व सोशल मीडिया पर प्रसारित करना चाहिए ताकि आम नागरिक सोशल मीडिया के प्रयोग का अर्थ भी समझ सके और अपने शब्दों की गरिमा का भी!
आपको बता दें कि विगत दिवस मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों से प्रदेश में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाये जाने तथा सिन्थेटिक ड्रग की रोकथाम के साथ ही सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेशों एवं अफवाहों के प्रसारण पर नजर रखने को कहा है। बुधवार को सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस सम्बंध में जनपद स्तर पर किये जा रहे प्रभावी प्रयासों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाये जाने का निर्णय लिया गया है, इसमें सभी जिलाधिकारी अपना विशेष प्रयास करें। सभी मन्दिरों, मेलों व वाणिज्य प्रतिष्ठानों से इसकी शुरूआत हो, इस सम्बंध में व्यापक जन जागरण पर भी उन्होंने बल दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने युवापीढ़ी को नशे से दूर रखने के लिये प्रदेश को ड्रग से मुक्त करने के प्रयासों में भी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को सक्रिय भागीदारी निभाने को कहा और इस सम्बन्ध में भी सख्ती के साथ कार्यवाही करने व जन जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सन्देशों के प्रसारण पर भी नजर रखने निर्देश दिये। इसके माध्यम से विशेषकर महिलाओं के प्रति की जाने वाली अभद्र टिप्पणियों पर त्वरित कार्यवाही की बात उन्होंने कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यावरण की शुद्धता युवाओं के बेहतर भविष्य तथा सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये समेकित प्रयासों एवं प्रभावी पहल की आवश्यकता है!
यकीनन उनके कहे शब्दों में कहीं न कहीं वह पीड़ा तो है जहाँ सोशल मीडिया में कौन क्या बिगाड़ लेगा को आधार मानकर आम व्यक्ति अक्सर अपने मन की भड़ास निकालकर यह सोच लेता है कि मेरा कौन क्या बिगाड़ लेगा लेकिन वह भूल जाता है कि सोशल मीडिया में जारी सारे सन्देश बर्षो तक एक ऐसे डाटा बैंक में जमा रहते हैं इन्हें आवश्यकता पड़ने पर कभी भी निकाला जा सकता है ।