अखरोट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये हो व्यापक प्रचार-प्रसार – त्रिवेंद्र रावत

अखरोट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये हो व्यापक प्रचार-प्रसार – त्रिवेंद्र रावत!
देहरादून 18 अप्रैल (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास में उद्यान एवं ऊर्जा विभागों की समीक्षा बैठक ली। उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री  ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अखरोट की अत्याधिक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कागजी अखरोट को प्रोत्साहन दिया जाए। इसके लिये 2 माॅडल फार्म विकसित किये जाएं। इन फाम्र्स को सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की तर्ज पर विकसित किया जाए। इसमें प्रशिक्षित लोगों को जोड़ा जाए। इन फाम्र्स के विकसित होने के उपरान्त अन्य स्थानों पर ऐसे फार्म विकसित किये जाने चाहिए। मुख्यमंत्री  ने वाॅलनट एवं अदर फ्रूट ग्रोवर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया के अनुभव का लाभ लेते हुए इसमें किसानों को अखरोट की अच्छी प्रजातियों के कलमी पौधे उपलब्ध कराये जाएं। किसानों एवं ग्रामीणों को अखरोट की खेती के लिये प्रोत्साहित करने के लिये प्रचार-प्रसार किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती के लिये पानी की व्यवस्था रेन वाटर हार्वेस्टिंग से किया जाना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि किसानों को दी जाने वाली पौध की गुणवत्ता में कोई कमी न हो, इसके लिये विभाग को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इसके लिये एक्ट तैयार करने की बात भी कही। अखरोट को राज्य का भविष्य बताते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अखरोट को हमें अपनी प्राथमिकता में रखना होगा।
ऊर्जा विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन ग्रामों जहाँ अभी तक विद्युत नहीं पहुंची है उन ग्रामों को वर्ष 2017 तक विद्युतिकृत करना है। इसके लिये अन्य स्रोतों का प्रयोग भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमें आत्मनिर्भर होना है। साथ ही विद्युत चोरी को रोकने के लिये कठोर कदम ऊर्जा विभाग को उठाने होंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें गुड गवर्नेंस का ध्यान रखना है। आम जनता को होने वाली परेशानियों को कम करते हुए ऊर्जा विभाग को कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने देहरादून एवं हरिद्वार में अंडरग्राउण्ड केबलिंग के लिये प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि बायो ऊर्जा परियोजना के तहत सरकारी मिलों को शामिल किया जाए। माईक्रो और मिनी हाईड्रो प्रोजेक्ट्स को विशेष तौर पर बढ़ावा दिया जाए। इसमें स्थानीय लोगों एवं संस्थाओं को भी जोड़ा जाए। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, श्री उमाकांत पंवार सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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